राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा कि भाजपा हर मामले में अपना चलाना चाहती है। चित भी इनकी, पट भी इनकी। कर्नाटक के राज्यपाल अगर भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं तो राष्ट्रपति से हमारी मांग है कि पिछले दरवाजे से बनी सरकार को बर्खास्त करने का निर्देश देकर बिहार की सबसे बड़ी पार्टी को मौका मिलना चाहिए। लोकतंत्र में एक जैसे मामले में दो मापदंड नहीं होने चाहिए। हम शुक्रवार दोपहर एक बजे नेता राजद विधायकों के साथ गवर्नर से मिलेंगे। जदयू ने तेजस्वी के बयान पर पलटवार किया है। नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी अपना अंकगणित मजबूत करें।
तेजस्वी ने कहा कि कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या के विरोध में शु्क्रवार को पटना में राजद का एक दिवसीय धरना होगा। हम राज्यपाल महोदय से मांग करते है कि वो वर्तमान बिहार सरकार को भंग कर कर्नाटक की तर्ज़ पर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राजद को सरकार बनाने का मौका दें। मैं भाजपा के तर्क पर यह दावा ठोंक रहा हूँ।
तेजस्वी यादव ने भाजपा पर कर्नाटक में हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि अगर बिहार में चुनाव बाद गठबंधन को निमंत्रण देकर सरकार बनवाई जा सकती है तो कर्नाटक में क्यों नहीं। देश में एक ही संविधान है, लेकिन भाजपा ने उसका मजाक बना दिया है।
I will meet Honourable Governor of Bihar along with MLAs as we are single largest party of Bihar.
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 17, 2018
तेजस्वी ने कहा कि भाजपा किस जनादेश के अपमान की बात कर रही है? सबसे पहले उसने जदयू के साथ मिलकर जनादेश का अपमान किया था। अब कर्नाटक में भी वही किया जा रहा है। तेजस्वी ने पूछा कि भाजपा बहुमत साबित करने के लिए बाकी विधायक कहां से लाएगी? उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भाजपा को सरकार बनाने का मौका दिया जाता है तो मैं सभी विपक्षी दलों से अपील करता हूं कि वे बेंगलुरू में एकजुट होकर धरना-प्रदर्शन करें।
तेजस्वी के इस बयान का समर्थन कांग्रेस ने भी किया है। कांग्रेस विधायक रामदेव राय ने कहा कि तेजस्वी परेड करें। हम उनके साथ हैं। कुछ लोग लोकतंत्र को बर्बाद कर रहे हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या के विरोध में कल पटना में राजद का एक दिवसीय धरना होगा। हम राज्यपाल महोदय से माँग करते है कि वो वर्तमान बिहार सरकार को भंग कर कर्नाटक की तर्ज़ पर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राजद को सरकार बनाने का मौका दें।
मैं भाजपा के तर्क पर यह दावा ठोंक रहा हूँ।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 17, 2018
वहीं, जनता दल (यू) के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने बिहार में सरकार बनाने के दौरान संख्याबल पर सवाल उठाए जाने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को अंक गणित मजबूत करने के लिए ’मनोहर पोथी’ पढ़ने की सलाह दी है।
तेजस्वी जी ’गरीब’ के पुत्र होने के कारण डीपीएस स्कूल, दिल्ली में पढे हैं, इस कारण उनका अंक गणित के क्षेत्र में ज्ञान कमजोर है। बिहार में धर्मनिरपेक्षता के लिए भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने के कारण 26 जुलाई2017 को जद (यू) महागठबंधन से अलग हुई और माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी बिना सत्ता का मोह किए राजभवन जाकर त्याग पत्र दे दिया।
इसके तुरंत बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का बिना शर्त सरकार को समर्थन पत्र मिल गया और इसी के आधार महामहिम राज्यपाल महोदय ने स्वविवेक से फैसला लेते हुए 27 जुलाई को नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई और 48 घंटे के अन्दर सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिखा दिया |
नीरज ने कहा कि तेजस्वी जी, आप राजनीति में अनुकम्पा के आधार पर विधायक बने और इसी पारिवारिक अनुकम्पा पर विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता भी बन गए परन्तु राजनीति में सरकार के गठन की प्रक्रिया के ज्ञान का अभाव है। आप उच्च शिक्षा तो ग्रहण नहीं कर सके परंतु मेरी सलाह है कि राजनीति जीवन में लंबा सफर तय करने के लिए आप कम से कम राज्यपाल की शक्तियों,बहुमत साबित करने की प्रक्रिया और विधानसभा की कार्यसंचालन नियमावली का अध्ययन कर लें। अगर अध्ययन करने में सक्षम नहीं हों तो किसी अन्य जानकार से इसकी जानकारी ले लें।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि वैसे तेजस्वी यादव के लिए यह भी जान लेना ठीक रहेगा कि बिहार में गठबंधन का स्वरूप बदला है, लेकिन नीतीश जी ने जिस मुद्दे को लेकर जनादेश प्राप्त कर सत्ता में आए हैं, वह मुद्दे नहीं बदले हैं। आज भी सात निश्चय, कानून का राज, सुशासन के तहत बिहार आगे बढ़ रहा है। हां, जद (यू) के लिए धर्मनिरपेक्षता के लिए संपत्ति सृजन कभी आवश्यकता नहीं रही है और आज भी नहीं है। धर्मनिरपेक्षता और राजनीति के नाम पर संपत्ति सृजन करना आपको और आपके परिवार के लोगों को मुबारक।
बता दें कि कर्नाटक में चुनावों के नतीजे आने के बाद भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। लेकिन दूसरे नंबर पर खड़ी कांग्रेस ने तत्काल तीसरे नंबर की पार्टी जदएस के नेता कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने का न्योता देकर भाजपा की राह रोकने की कोशिश की थी। इस बीच भाजपा को राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता दिया। सरकार बनाने के दावे को लेकर मची होड़ के बीच कांग्रेस और जेडीएस आधी रात को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, लेकिन राज्यपाल के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी निराश होकर लौटना पड़ा। गुरुवार की सुबह बीएस येद्दयुरप्पा को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
गौरतलब है कि विधानसभा की कुल 224 में से 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78, सहयोगी बसपा के साथ जदएस को 38 और अन्य को दो सीटें मिली हैं। ऐसे में बहुमत के लिए जरूरी 112 के आंकड़े के सबसे करीब भाजपा ही रही।
Input : Dainik Jagran