एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम व जेई रोकथाम की तैयारी की समीक्षा करने आए प्रधान सचिव संजय कुमार जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था से खिन्न दिखे। कहा कि टीकाकरण अभियान में सरैया के कारण पूरे बिहार की किरकिरी हो रही है। पहले वहां केवल 35 फीसद लक्ष्य था, अभी क्या हालत है। सिविल सर्जन डॉ. ललिता सिंह ने बताया कि चार माह का डाटा इंट्री नहीं होने के कारण यह हाल रहा। ताजा अपडेट के हिसाब से वहां 70 फीसद कवरेज हुआ है। प्रधान सचिव बोले कि तत्काल डाटा ऑपरेटर को बदलें तथा हर पीएचसी के डाटा ऑपरेटर को प्रशिक्षित करें ताकि वह सही समय पर डाटा अपडेट करे। जिला कार्यक्रम प्रबंधक की गतिविधि पर सवाल उठाते हुए कहा कि तत्काल एक माह का समय दिया जा रहा है। अगर सिस्टम नहीं सुधरा तो सख्त कार्रवाई होगी। चेतावनी दी कि परिवार नियोजन, टीकाकरण व अन्य सरकारी योजना में अगर शत-प्रतिशत उपलब्धि नहीं हुई तो जून में सभी कार्यक्रम अधिकारी की छुट्टी कर दी जाएगी। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक पर भी टिप्पणी की।
तीन माह में पटरी पर रहेगा जिला
जिलाधिकारी मो.सोहैल ने कहा कि वे अभी नये हैं, लेकिन तीन माह में बेपटरी चल रही स्वास्थ्य विभाग पटरी पर रहेगी। सिविल सर्जन ने कहा कि अगले माह की समीक्षा में सब दुरुस्त दिखेगा। सिविल सर्जन ने दस साल से जमे कर्मियों को हटाने पर भी चर्चा की।
कालाजार रिसर्च सेंटर का निरीक्षण
कालाजार मेडिकल रिसर्च सेंटर के निरीक्षण में वहां की व्यवस्था पर प्रसन्न दिखे। प्रशासक अनिल शर्मा ने वहां चल रहे बालू मक्खी के साथ दवा पर शोध से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मरीजों को सरकार की ओर से दवा मिल रही, लेकिन उनको क्षतिपूर्ति भत्ता नहीं मिल रहा। प्रधान सचिव ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा। बेड पर लगे इन फ्यूजन पंप को देखकर जानकारी ली। इस पंप में टाइमर लगा हुआ है जिस कारण दवा व पानी निर्धारित समय में चढ़ रहा है। इसे सरकारी अस्पताल में लगाने पर चर्चा की। यहां संस्था के ओमप्रकाश सिंह, डॉ.पूजा तिवारी, डॉ.धीरज कुमार, डॉ.राहुल चौबे, डॉ.दीपक कुमार वर्मा, डॉ.केसी सिन्हा, डॉ.पूनम आदि उपस्थित थे।
Input : Dainik Jagran