सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपनी तस्वीर पर ज्यादा लाइक पाने के चक्कर में बच्चे ऑनलाइन ग्रूमिंग का शिकार हो रहे हैं। चैट करने वाले अवयस्कों को उकसाकर ऑनलाइन प्रिडेटर उनकी अश्लील (ऑफसीन) तस्वीरें या वीडियो हासिल कर रहे हैं और इन्हीं के आधार पर ब्लैकमेल किया जा रहा है। ब्लैकमेलिंग में भी बच्चों से रकम के बजाए और ऑफसीन तस्वीरें या वीडियो मांगे जाते हैं।

भोपाल में ऐसे ही दो बच्चों ने सायबर क्राइम पुलिस से शिकायत करने की हिम्मत जुटाई, लेकिन सैकड़ों ऐसे हैं जो घबराहट के चलते किसी को बता नहीं पाते हैं और लम्बे समय तक शोषण का शिकार रहते हैं। भोपाल जोन के एआईजी सुदीप गोयनका के मुताबिक, ऑनलाइन ग्रूमिंग के लिए ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जाता है, जो कम उम्र में ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स का ज्यादा इस्तेमाल शुरू कर देते हैं और अपनी तस्वीर पर ज्यादा लाइक्स चाहते हैं। इस चक्कर में बच्चे ऐसे लोगों को भी फ्रेंडलिस्ट में शामिल कर लेते हैं, जिन्हें वे जानते ही नहीं।

एक फोटो पाने पर मांगते हैं और तस्वीरें

फर्जी होती हैं प्रोफाइल

गोयनका के मुताबिक, गलत नाम-पते या जेंडर से प्रोफाइल बनाकर प्रिडेटर बच्चों से दोस्ती कर लेते हैं। कुछ दिनों की चैटिंग के दौरान वे उनसे ऐसी बातें करने लगते हैं, जिन्हें बच्चे परिवार के किसी सदस्य के सामने नहीं कर सकते। इसे सायबर पुलिस सेक्सटिंग कहती है। इसके बाद किसी न किसी तरीके से उनके ऑफसीन फोटो या वीडियो मंगवा लिए जाते हैं। ऑनलाइन ग्रूमिंग मुख्यत: सोशल साइट्स, इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप्स, फोटो शेयरिंग ऐप्स, चैट रूम्स, डेटिंग ऐप्स और ऑनलाइन गेमिंग साइट्स के माध्यम से होता है।

बेच दी जाती हैं तस्वीरें व वीडियो

बच्चा की फोटो या वीडियो पाने के बाद वे उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं। वे उन फोटोज और वीडियोज को सोशल मीडिया पर शेयर करने की धमकी देकर बच्चों से और तस्वीरें या वीडियो मंगवाते हैं। इसके बाद इन वीडियोज और तस्वीरों को चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए अश्लील वेबसाइट को बेच दिया जाता है। एक सर्वे के मुताबिक, चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए अलग-अलग वेबसाइट पर अपलोड किए गए 40 फीसदी से ज्यादा वीडियोज ऑनलाइन ग्रूमिंग का ही नतीजा हैं।

पोर्टल पर भी नहीं आ रहीं शिकायतें

यूनाइटेड किंगडम में आम हो चुकी इस तरह की शिकायतों पर सुनवाई के लिए बाकायदा थाने खुले हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हमारे यहां केंद्रीय गृहमंत्रालय ने एक पोर्टल शुरू किया है। 30 सितंबर को cybercrime.gov.in नाम से लॉन्च हुए इस पोर्टल में घर बैठे शिकायत की जा सकती है। हालांकि, शिकायतों का रुख बेहद कमजोर है।

ऐसे करें पहचानें ऑनलाइन ग्रूमर को

ऑनलाइन ग्रूमर बच्चों को फंसाने के लिए विभिन्न तरीके अपनाते हैं। वे बहुत चालाकी से झूठ बोलते हैं, ऐसे में यह पता करना मुश्किल होता है कि वह आपके ऑनलाइन फ्रेंड हैं या फिर आपसे सेक्सुअल वीडियो या फोटो के लिए आपसे जुड़े हैं। हालांकि, सामान्य रूप से कुछ ऐसे तरीके हैं, जिनसे यह पता लग सकता है कि सामने वाले ऑनलाइन ग्रूमर हैं।

-यदि कोई बार-बार फेसबुक या किसी अन्य माध्यम से मैसेज भेज रहा है तो उससे बचें।

-संभव है कि ग्रूमर आपसे कहें कि आप उससे जो भी बातचीत कर रहे हैं, उसे किसी से न बताएं और सीक्रेट रखें।

-ऐसे लोग आपके बारे में ज्यादा जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश करेंगे। जैसे वे आप से पूछ सकते हैं कि कौन-कौन आपका कम्यूटर यूज करता है या किस रूम में आपका कंप्यूटर रखा है।

-ग्रूमर चैटिंग या बातचीत के दौरान आपको फंसाने के लिए अश्लील बात शुरू करेंगे या अश्लील मैसेज भेजने लगेंगे।

-ऐसे लोगों का मेन उद्देश्य किसी न किसी तरीके से आपकी सेक्सुअल फोटोज या वीडिया पाना होता है, इसके लिए वे आपको ब्लैकमेल भी कर सकते हैं।

उकसाने के लिए खुद की न्यूड फोटो भी भेजते हैं

बच्चों से उनकी फोटो और वीडियो पाने के लिए वे तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं। उनसे अश्लील बातचीत करते हैं, खुद की न्यूड फोटो या वीडियो भेजते हैं और सामने वाले से भी ऐसा ही करने के लिए कहते हैं। इसके अलावा वे वेबकैम पर न्यूड हो जाते हैं और बच्चे से भी ऐसा ही करने के लिए कहते हैं और बच्चे के न्यूड होने पर रिकॉर्डिंग कर लेते हैं। ये जरूरी नहीं है कि अगर आप पुरुष हैं तो पुरुष ही यह काम करेगा। महिलाएं भी इस काम में हैं। इससे अपोजिट सेक्स वाले लोग आसानी से फंस जाते हैं।

क्या करें क्या न करें?

-बच्चों को बताएं कि किसी के साथ पर्सनल जानकारी शेयर न करें, जरूरी हो तो उनकी प्राइवेसी सेटिंग का ख्याल रखें।

-उन्हें एक ही पासवर्ड लंबे समय तक इस्तेमाल करना परेशानी का कारण बन सकता है।

-समय-समय पर बच्चों की फ्रेंडलिस्ट खुद भी चेक कर सकते हैं। उन्हें बताएं कि फ्रेंडलिस्ट में उन्हें ही शामिल करें, जिन्हें रियल लाइफ में जानते हों।

-बच्चों को बताएं कि सोशल साइट्स पर कभी भी पर्सनल जानकारी शेयर न करें।

-इसके अलावा यदि ग्रूमिंग का शिकार हो गए हैं तो सबसे पहले प्रिडेटर का एविडेंस सेव कर लें और सबसे पहले जिस व्यक्ति पर आप सबसे ज्यादा भरोसा करते हों उसे बताएं। इसके बाद रिपोर्ट करें।

-पोर्टल पर जाकर आप अज्ञात के रूप में भी रिपोर्ट कर सकते हैं।

Input : Dainik Bhaskar

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